” दिव्ये बुद्धि के वरदान से विभूषित आदरणीय दादी जानकी जी , हर प्रकार के प्रश्नों के उत्तर देकर आत्मा को संतोष से भर देती हैं। वुद्धिवानों की वुद्धि वावा ने उन्हें ऐसी कला प्रदान की है कि वे उलझे ‘कर्मो की गुत्थियाँ सुलझाकर समाधान स्वरूप बना देती हैं। प्रस्तुत हैं भाई-बहनों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के दादीजानकी द्वारा दिये गये उत्तर “
प्रश्न:- बाबा हमारा रक्षक है, किस-किस वात में रक्षा करते है ?
उतरः-बाबा हमारा शिक्षक भी है, रक्षक भी है। शिक्षा भी देता है पर रक्षा ऐसी करता है जो हमारे से, कोई प्रकार से, शिक्षा के विरुद्ध कोई भी ऐसी-वैसी बात न हो, जो बाबा का नाम बाला न कर सके। बाबा का नाम बाला करना माना ही फॉलोफादर। जितना जो बाबा से प्यार लेते हैं. वो प्यारे बन जाते हैं।………..
4 DHARMA SHASTRA
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